📍 सोनभद्र, उत्तर प्रदेश
उप कृषि निदेशक कार्यालय द्वारा जारी तबादला आदेश के बावजूद तीन प्राविधिक सहायक ग्रुप-सी कर्मचारी अब तक अपने नए कार्यस्थल पर पदभार ग्रहण नहीं कर पाए हैं। इन कर्मचारियों का तबादला किसानों की शिकायतों और उनके खिलाफ चल रही जांच के आधार पर किया गया था। आदेशों की खुलेआम अवहेलना से किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
भाजपा किसान मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी ई. प्रकाश पाण्डेय ने आरोप लगाया कि कृषि विभाग के ये कर्मचारी सरकारी योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के बजाय निजी लाभ का साधन बना बैठे हैं।
उन्होंने कहा –
“जनपद के किसान खाद के लिए परेशान हैं, लेकिन इन कर्मचारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। सरकार की छवि खराब हो रही है और किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।”
किसानों का कहना है कि घोरावल विधानसभा की तिलौली और इमलीपुर सहित अधिकांश सोसाइटियों की हालत खराब है।
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किसान खाद की एक बोरी के लिए दिनभर धूप में लाइन लगाने को मजबूर हैं।
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कई बार घंटों इंतजार के बाद भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है।
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बड़े किसानों में नाराजगी है कि छोटे किसान रोजाना एक बोरी लेकर ब्लैक में बेच रहे हैं।
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समय पर पर्याप्त खाद न मिलने से किसान महंगे दामों पर ब्लैक में खाद खरीदने को विवश हैं।
तबादला किए गए कर्मचारियों में करमा ब्लॉक के गोदाम इंचार्ज रामेश्वर सिंह का नाम प्रमुख है।
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उनके खिलाफ मनमानी और भ्रष्टाचार की शिकायतें पहले से मिलती रही हैं।
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आरोप है कि सरकार द्वारा प्रदर्शनी हेतु दिए गए बीजों को भी वे मनचाहे लोगों को पैसे लेकर बेच रहे हैं।
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इस मामले की जानकारी कृषि सहायक सुरेंद्र जी को कई बार टेलीफोन पर दी गई और उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
किसानों और किसान संगठनों का कहना है कि ये कर्मचारी अपने “मलाईदार पदों” को छोड़ना नहीं चाहते।
उनकी मनमानी से –
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सरकारी योजनाओं की छवि धूमिल हो रही है।
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किसानों की मुश्किलें बढ़ रही हैं।
अब किसान संगठनों ने ऐसे कर्मचारियों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई और गहन जांच की मांग उठाई है, ताकि आदेशों का पालन सुनिश्चित हो और किसानों की समस्याओं का समय पर समाधान हो सके।
🖊️ रिपोर्ट: पंकज कुमार गुप्ता
जिला: जालौन, उरई | राज्य: उत्तर प्रदेश
चैनल: गुजरात प्रवासी न्यूज़, अहमदाबाद






