( गांधीनगर ब्युरो,)
13 सितम्बर
गांधीनगर, 13 सितंबर (प्रतिनिधि): देश की एकता, संस्कृति और संवाद का सेतु बन चुकी हिंदी भाषा को राष्ट्र और राज्यों के बीच जोड़ने वाले माध्यम के रूप में और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में गांधीनगर में 14-15 सितंबर को पांचवां अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। महात्मा मंदिर कन्वेंशन सेंटर में हो रहे इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह करेंगे।
इस वर्ष का आयोजन इसलिए भी विशेष है क्योंकि इसमें न केवल हिंदी भाषा की तकनीकी उन्नति और प्रशासनिक उपयोग पर चर्चा होगी, बल्कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी सैन्य उपलब्धियों को भी हिंदी के मंच से जोड़ा जा रहा हैl हिंदी: राज्य से राष्ट्र, जन से विश्व तक
सम्मेलन की थीम – “राष्ट्रीय और राज्यीय पहचान के बीच सेतु: हिंदी की भूमिका” इस बात को रेखांकित करती है कि हिंदी किस प्रकार भारत के विभिन्न हिस्सों को जोड़ती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेता जब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी में संवाद करते हैं, तो न केवल भाषा का गौरव बढ़ता है, बल्कि हिंदी को वैश्विक मान्यता भी मिलती है।
“ऑपरेशन सिंदूर” को मिला सम्मान, जवानों की उपस्थिति में हिंदी पोर्टल लॉन्च
14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता को भी विशेष रूप से रेखांकित किया जाएगा। इस अवसर पर आर्मी के जवान भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे, और उनके सहयोग से एक विशेष हिंदी पोर्टल का लोकार्पण किया जाएगा, जो सैन्य विषयों से लेकर राजभाषा के प्रसार तक का संगम होगा टेक्नोलॉजी में हिंदी का प्रवेश: ‘भारती’ और ‘शब्द सिंधु’ का लोकार्पण
गृहमंत्री श्री अमित शाह सम्मेलन में ‘भारती’ बहुभाषी अनुवाद प्रणाली का उद्घाटन करेंगे, जिसे राजभाषा विभाग और सी-डैक पुणे ने मिलकर विकसित किया है। साथ ही ‘हिंदी शब्द सिंधु’ का 7 लाख प्रविष्टियों वाला अद्यतन संस्करण भी जारी किया जाएगाl दो दिनों में छह प्रमुख सत्र
सम्मेलन के दौरान पांच प्रमुख विषयगत सत्र आयोजित होंगे, जिनमें तकनीक, साहित्य, प्रशासन और संस्कृति में हिंदी की भूमिका पर चर्चा होगी। विशेष सत्र में “ऑपरेशन सिंदूर: परंपरा, प्रतीक और पराक्रम” भी शामिल है, जो सैन्य गौरव को हिंदी मंच पर स्थान देता है।
विशेष सत्र “परदे से पोस्ट तक – हिंदी संग सफलता के रंग” में अभिनेता मनोज जोशी, निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी और सांसद रवि किशन जैसी हस्तियाँ भी भाग लेंगी l
पुरस्कार और सांस्कृतिक कार्यक्रम से होगा समापन
सम्मेलन में ‘राजभाषा गौरव’ और ‘राजभाषा कीर्ति’ पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे, जो हिंदी को प्रशासनिक व तकनीकी कार्यों में आगे बढ़ाने वालों को सम्मानित करते हैं। 15 सितंबर को सांस्कृतिक संध्या के साथ सम्मेलन का समापन होगा, जिसमें भारत की भाषाई एकता और सांस्कृतिक विविधता का मंचन किया जाएगा।
हिंदी अब सीमित नहीं, समर्पित है
आज हिंदी केवल एक राजभाषा नहीं, बल्कि राष्ट्रभाषा और डिजिटल युग की एक उभरती वैश्विक भाषा बन चुकी है। यह सम्मेलन इस बात का प्रमाण है कि हिंदी अब केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि भारत की आत्मा, संस्कृति और विकास की भाषा है।






