आगरा (रिपोर्ट)। चम्बल नदी में पिछले एक सप्ताह से जारी बाढ़ जैसे हालात के बीच अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। जल संसाधन विभाग के मुताबिक, पिनाहट घाट पर नदी का जलस्तर शनिवार को 119.00 मीटर दर्ज किया गया, जो पिछले सप्ताह की तुलना में करीब 2.5 मीटर कम है। इसके बाद सात दिन से बंद पड़ी स्टीमर सेवा फिर से बहाल कर दी गई।
कैसे पहुँचा जलस्तर खतरनाक स्तर पर?
पिछले सप्ताह मध्यप्रदेश के राजघाट, कुंवरपुरा और केंचली घाट बाँधों से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया था। साथ ही, उत्तर भारत में लगातार हो रही बारिश के कारण चम्बल नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा। 7 दिन पहले जलस्तर 121.50 मीटर के पार पहुँच गया था, जो पिनाहट घाट के लिए खतरे की घंटी माना जाता है।
पिछले 7 दिनों का चम्बल नदी का जलस्तर डेटा और ग्राफ़
प्रशासन ने क्यों रोका संचालन?
स्टीमर सेवा को रोकने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि:
नदी का बहाव बेहद तेज़ हो गया था।
घाट के आसपास कई जगह पानी भरने से चढ़ने-उतरने में खतरा था।
सुरक्षा की दृष्टि से नाविकों को चेतावनी दी गई थी।
सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रशासन की तैयारी
अब जब जलस्तर 119 मीटर पर स्थिर हुआ है, प्रशासन ने निम्नलिखित सुरक्षा उपाय लागू किए:
हर स्टीमर पर लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य।
एक स्टीमर में निर्धारित क्षमता से अधिक यात्री नहीं ले जाए जाएँ।
घाट पर NDRF टीम और स्थानीय पुलिस की तैनाती।
नदी पार करने से पहले मौसम और जलस्तर की ताज़ा जानकारी की घोषणा।
लोगों को मिली राहत
स्टीमर सेवा शुरू होते ही पिनाहट और आसपास के गाँवों में रहत की लहर दौड़ गई। किसान, जो अपने खेतों तक नहीं पहुँच पा रहे थे, अब आसानी से नदी पार कर सकते हैं। वहीं, मछुआरों और छोटे कारोबारियों के लिए भी यह बड़ी राहत है, क्योंकि सेवा बंद होने से उनका काम पूरी तरह ठप हो गया था।
स्थानीय निवासी रवि शर्मा ने बताया:
“सात दिन से लोग पैदल रास्तों और चक्कर काटकर जा रहे थे। अब स्टीमर शुरू होने से समय और पैसा दोनों बचेंगे।”
अभी भी सावधानी ज़रूरी
प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि अभी नदी में तेज़ बहाव है। घाट पर अनावश्यक भीड़ न लगाएँ। बच्चों को स्टीमर यात्रा के दौरान अभिभावकों के साथ रखें।
संवाददाता रामानंद गुप्ता फतेहाबाद आगरा अहमदाबाद www.gujaratpravasinews.com