मध्यप्रदेश,गुजरात प्रवासी न्यूज
शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा संकट मंडरा रहा है। राज्य सरकार द्वारा आठ हजार से अधिक स्कूलों को बंद करने के फैसले से करीब डेढ़ लाख बच्चों का शिक्षा से नाता टूट गया है। शिक्षा विभाग के इस निर्णय को लेकर शिक्षक वर्ग, अभिभावक और सामाजिक कार्यकर्ता भारी नाराज़गी जता रहे हैं।
कवि अशोक “अलख” ने इस निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए अपनी कविता में कहा:
> “शिक्षा को करते बंटाधार, नइया ले डूबी…”
“सत्तर हजार शिक्षकों की रोटी छीनी गई है…”
“ये बुझते दीपक की सरकार है, जो भ्रष्टाचार के अंधेरे में शिक्षा को डुबो रही है।”
सरकार की इस नीति को तानाशाही करार देते हुए कविता में यह भी सवाल उठाया गया है कि क्या यही मुख्यमंत्री की नीति है – बच्चों से उनका भविष्य छीनना और शिक्षकों को बेरोजगार करना?
यह मामला न सिर्फ शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है, बल्कि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के लिए एक गहरा आघात है।
छिन रहा अब शिक्षा का अधिकार✍️
मध्यप्रदेश की सरकार नइया ले डूबी,
शिक्षा को करते बंटा धार नइया ले डूबी,
जेब भरने के चक्कर में करते भ्रष्टाचार,
ये बुझते दीपक की सरकार नइया ले डूबी,
आठ हजार स्कूलों की पतवार नइया ले डूबी,
छीन लिया शिक्षा का अधिकार नइया ले डूबी,
डेढ़ लाख बच्चों का अब शिक्षा से नाता टूट गया,
ये शिक्षा मंत्री की चलाकी नइया ले डूबी,
ये तानाशाही की सरकार नइया ले डूबी,
बनकर बैठ गए सब बहरे नइया ले डूबी,
सत्तर हजार शिक्षकों कि रोटी छीन लिया है,
क्या यही है मुख्यमंत्री की नीति नइया ले डूबी,
रिपोर्ट – पंकज कुमार गुप्ता जालौन/अहमदाबाद
गुजरात प्रवासी न्यूज अहमदाबाद