दिनांक: 19 सितम्बर 2025
स्थान: टी०आर०सी० महाविद्यालय, सतरिख, बाराबंकी (उ.प्र.)
गायत्री ज्ञान मंदिर, इंदिरा नगर, लखनऊ द्वारा संचालित विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अंतर्गत टी०आर०सी० महाविद्यालय के पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचितसम्पूर्ण79खण्डों का 448वाँ ऋषि वाङ्मय स्थापित किया गया।


इस अवसर पर सक्रिय कार्यकर्त्री श्रीमती पुष्पा सिंह ने अपने पौत्र श्री दीपांश सिंह के उज्ज्वल भविष्य के लिए यह साहित्य भेंट किया। साथ ही उपस्थित संकाय सदस्यों एवं छात्र-छात्राओं को अखण्ड ज्योति (हिन्दी) पत्रिका वितरित की गई।
मुख्य संयोजक श्री उमानंद शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा –
“ज्ञानदान युगधर्म है।”
इसके अतिरिक्त श्रीमती उषा सिंह एवं श्री देवेन्द्र सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में संस्थान के प्राचार्य डॉ. आदेश तिवारी, निदेशक-प्रशासक श्री सचिन सक्सेना एवं प्रबन्धक डॉ. रंजन मिश्रा ने उपस्थितजनों को संबोधित किया।
मंच संचालन श्रीमती वीवा नाज ने किया।
समारोह में गायत्री ज्ञान मंदिर के प्रतिनिधि श्री उमानंद शर्मा, श्री देवेन्द्र सिंह, श्रीमती उषा सिंह, श्रीमती पुष्पा सिंह सहित संस्थान के श्री प्रबोध सिंह (प्रशासनिक अधिकारी), डॉ. गिरिजा शंकर वर्मा, डॉ. शुचिता चतुर्वेदी, शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।








