मथुरा।
गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित कराने की मांग को लेकर हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष, संत प्रकोष्ठ गौ पुत्र सागरनाथ महाराज ने 61 दिन की कठोर तपस्या पूरी की है। उन्होंने तपस्या के दौरान 61 दिनों तक मौन और संयम का पालन किया तथा बताया जाता है कि वे पिछले 9 वर्ष 6 महीने से जल त्याग कर तप में लीन हैं।
सागरनाथ महाराज हरियाणा के झज्जर जिले के छारा गांव के समीप स्थित जतीवाला धाम पर विराजमान हैं।
संतों के अनुसार, संपूर्ण भारत में ऐसे संत बहुत कम हैं जो सनातन धर्म और गौ माता की सेवा के लिए पूर्ण समर्पण से 24 घंटे कार्यरत रहते हैं। सागरनाथ महाराज का एक ही संकल्प है — “गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित किया जाए और पूरे भारत में गोहत्या पूर्णतः बंद हो।”
इसी संकल्प के समर्थन में बृजवासी गौ रक्षक सेना भारत संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौ पुत्र धर्मदास महाराज दिनांक 5 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे झज्जर पहुँचे। वहाँ उन्होंने राष्ट्रीय ब्रज प्रांत अध्यक्ष गौ पुत्र जोगेन्द्र सिंह (कालू जाट) के साथ जतीवाला धाम में सागरनाथ महाराज से भेंट की और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
गौ पुत्र धर्मदास महाराज ने कहा कि “इंसान कर्म से बड़ा होता है। सागरनाथ महाराज न केवल उम्र में बड़े हैं बल्कि तप और त्याग में भी अद्वितीय हैं।” उन्होंने बताया कि “हमारे गुरु, जगद्गुरु बालमुकुंदाचार्य महाराज (अयोध्या पीठाधीश्वर) ने सिखाया है कि बड़ों का सम्मान और उनका आशीर्वाद ही उद्धार का मार्ग है।”
उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं और श्रद्धालुओं से 7 अक्टूबर को आयोजित विशाल भंडारे में पधारने की अपील की है, जिसमें संपूर्ण हरियाणा के गौ रक्षक, संतगण, नेतागण और क्षेत्रवासी सम्मिलित होंगे।
📰 संवाददाता: राहुल शर्मा, गुजरात प्रवासी न्यूज़