📍 सूरत | 05 सितम्बर 2025
रजनीश पाण्डेय, सब एडिटर, गुजरात प्रवासी न्यूज़ अहमदाबाद
सूरत सहित पूरे देश में आज शिक्षक दिवस का उत्सव बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालयों, महाविद्यालयों और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रमों की झलक
शहर के कई स्कूलों में बच्चों ने अपने शिक्षकों के लिए सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। कहीं कविता पाठ हुआ, तो कहीं नाटक व गीत-संगीत की शानदार प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। विद्यार्थियों ने अपने गुरुजनों को फूल, कार्ड और उपहार भेंट कर आभार व्यक्त किया।
सरकारी और निजी दोनों संस्थानों में शिक्षकों को स्मृति-चिह्न और सम्मान-पत्र देकर अभिनंदित किया गया। इस दौरान शिक्षकों की आँखों में खुशी और गर्व साफ झलक रहा था।
शिक्षकों के विचार
इस मौके पर वरिष्ठ शिक्षक डॉ. एस.एन. त्रिवेदी ने कहा—
“शिक्षण केवल पेशा नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी साधना है। गुरु-शिष्य संबंध भारतीय संस्कृति की आत्मा है।”
वहीं अध्यापिका सुश्री कांति बेन पटेल ने कहा—
“आज जब डिजिटल युग में शिक्षा के नए आयाम खुल रहे हैं, ऐसे में शिक्षक की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वह बच्चों को केवल जानकारी ही नहीं बल्कि संस्कार और जीवन मूल्यों से भी जोड़ें।”
छात्रों की भावनाएँ
छात्र-छात्राओं ने अपने शिक्षकों को आदर्श बताते हुए कहा कि—
“हमारे लिए शिक्षक केवल पढ़ाने वाले नहीं बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाले मार्गदर्शक हैं। उनके बिना जीवन अधूरा है।”
सामाजिक महत्व
शिक्षक दिवस केवल एक औपचारिक दिवस नहीं बल्कि कृतज्ञता का पर्व है। यह हमें याद दिलाता है कि समाज, संस्कृति और राष्ट्र को प्रगतिशील बनाने में शिक्षक सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विशेष संदेश
इस अवसर पर गुजरात प्रवासी न्यूज़ के सब एडिटर रजनीश पाण्डेय ने अपने संदेश में कहा—
“शिक्षक समाज के वास्तविक पथ-प्रदर्शक हैं। वे न केवल शिक्षा प्रदान करते हैं बल्कि चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण में भी अहम भूमिका निभाते हैं। आज के दिन हम उन सभी विभूतियों को नमन करते हैं और आने वाली पीढ़ी को हार्दिक शुभकामनाएँ देते हैं।”