रजनीश पाण्डेय
सूरत साल के सबसे भव्य आध्यात्मिक उत्सवों में से एक जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 का गवाह बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह सदियों पुरानी परंपरा, मूल रूप से पुरी, ओडिशा से है, जिसमें भगवान जगन्नाथ , उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की वार्षिक यात्रा को विस्तृत रूप से सजाए गए रथों में मनाया जाता है। सूरत में भी, हर साल हज़ारों भक्त खुशी, आस्था और भक्ति के साथ इस दिव्य कार्यक्रम को मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं।
जगन्नाथ रथ यात्रा क्या है?
रथ यात्रा (रथ महोत्सव) भगवान जगन्नाथ की अपनी मौसी के घर की प्रतीकात्मक यात्रा का जश्न मनाता है। जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को भव्य रथों पर रखा जाता है और भक्तों द्वारा खींचा जाता है, जो एकता, समानता और भक्ति का प्रतीक है। यह परंपरा सदियों पुरानी है और भारतीय आध्यात्मिकता में गहराई से निहित है।
सूरत में जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: वह सब जो आपको जानना चाहिए
इस्कॉन मंदिर के पुजारी ने बताया,
“27 जून, शुक्रवार को दोपहर 3 बजे जगन्नाथ रथ यात्रा सूरत रेलवे स्टेशन से शुरू होगी और इस्कॉन मंदिर की ओर बढ़ेगी।”
सूरत में रथ यात्रा मार्ग:
प्रारंभ : सूरत रेलवे स्टेशन (दोपहर 3 बजे)
के माध्यम से : रिंग रोड अठवा गेट ऋषभ टॉवर रैंडर रोड
समाप्ति : इस्कॉन मंदिर (रात 10 बजे तक)
सूरत रथ यात्रा 2025 की मुख्य विशेषताएं:
वृंदावन से खूबसूरती से तैयार की गई रथ पोशाक 2.5 लाख रुपये की कीमत पर आई है ।
50 कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित यह पोशाक जटिल शिल्प कौशल और भक्ति को दर्शाती है।
मार्ग में आध्यात्मिक संगीत, भजन और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम होगा।
भक्तों से अनुरोध है कि वे शामिल हों:
“सूरत वासियों से निवेदन है कि दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे के बीच दर्शन का लाभ लीजिए, प्रसाद लीजिए और अपने जीवन को सफल बनाइए।”
जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 सूरत केवल एक त्यौहार नहीं है। यह एक आध्यात्मिक अनुभव है जो समुदायों को भक्ति और उत्सव में एकजुट करता है। 27 जून को अपने कैलेंडर पर चिह्नित करें और सूरत के दिल के माध्यम से इस दिव्य यात्रा का हिस्सा बने
सब एडिटर रजनीश पाण्डेय सूरत गुजरात प्रवासी न्यूज़ अहमदाबाद