सावरकुंडला। धर्मजागरण समन्वय समिति, सौराष्ट्र प्रांत द्वारा भाद्रपद सुद बीज के पावन अवसर पर सोमवार को भव्य ‘अलखयात्रा’ का आयोजन किया गया। यह यात्रा सावरकुंडला से प्रारंभ होकर सताधारमें संपन्न हुई।
यात्रा में 2100 से अधिक वाहन, 100 से ज्यादा संत और हजारों धर्मप्रेमी शामिल हुए। रथ, घोड़े, डीजे और ढोल-नगाड़ों से सजी यह यात्रा अमरेली और बगसरा से होते हुए विसावदर में मुख्य यात्रा से मिली और सताधार पहुंची।
21 गांवों में भव्य स्वागत
अलखयात्रा ने सावरकुंडला से सताधार तक 21 गांवों का मार्ग तय किया। नेसडी, इगोराला, केराला, चलाला, मीठापुर, धारी, प्रेमपरा, लालपुर सहित गांवों में भक्तों ने रंगोली, पुष्पवर्षा, फूल-मालाओं और प्रसाद से यात्रियों का स्वागत किया। साथ ही जगह-जगह पानी, चाय, नाश्ता और भोजन की व्यवस्था भी की गई।
सताधार में धर्मसभा
सताधार पहुंचने के बाद अपागीगा के स्थान पर दिव्य धर्मसभा का आयोजन हुआ। पूज्य विजयबापू और 100 से अधिक संतों ने भारतीय संस्कृति, परंपरा और राष्ट्र की एकता पर प्रवचन दिए। लोक साहित्यकार मायाभाई अहीर ने भी प्रेरक विचार रखे।
यह अलखयात्रा केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि सौराष्ट्र की एकता और सांस्कृतिक समन्वय का अद्भुत उदाहरण बनी।
📌 मुख्य बिंदु – अलखयात्रा 2025
-
🚩 2100 से अधिक वाहन यात्रा में शामिल
-
🙏 100+ संत-महंत और हजारों भक्तों की सहभागिता
-
🌸 21 गांवों में रंगोली, पुष्पवर्षा और प्रसाद से स्वागत
-
🐎 रथ, घोड़े, डीजे और ढोल-नगाड़ों से यात्रा में उल्लास
-
🥤 रास्तेभर पानी, चाय, शरबत, नाश्ता और भोजन की व्यवस्था
-
📖 सताधार में दिव्य धर्मसभा – विजयबापू व संतों के प्रवचन
-
🇮🇳 संदेश – भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समन्वय
📍 संवाददाता – गुजरात प्रवासी न्यूज़, अहमदाबाद