सावरकुंडला स्थित तात्कालिक हनुमानजी आश्रम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव को धार्मिक और लोक सेवा गतिविधियों से भरपूर और विशिष्ट तरीके से मनाया गया। इस भव्य आयोजन में गुरु पूजन, यज्ञ, पूजा विधि, वृक्षारोपण, जरूरतमंद विद्यार्थियों को शैक्षणिक सामग्री का वितरण, और निराश्रित व्यक्तियों को तिरपाल वितरण जैसी अनेक सेवाएं शामिल थीं। आश्रम ने इस पावन पर्व को सेवा, भक्ति और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के संकल्प के प्रतीक के रूप में मनाया।
यज्ञ की समाप्ति के बाद, आश्रम द्वारा अत्यधिक जरूरतमंद विद्यार्थियों को शैक्षणिक किट का वितरण किया गया। इस सेवा कार्य में सुरभि स्टेशनरी के ददभाई ने नोटबुक देकर सहयोग किया, जबकि अतुलभाई द्वारा संपूर्ण शैक्षणिक सामग्री का वितरण किया गया।
इस सेवा कार्यक्रम में एक और प्रेरणादायक पहल की गई। बरसते पानी के बीच, जो व्यक्ति रात के दौरान खुले में रहते हैं, ऐसे निराश्रित और जरूरतमंद व्यक्तियों को रहने के लिए तिरपाल किट दी गई। इस तिरपाल किट के दाता ‘सबका मालिक एक मानव सेवा ट्रस्ट’ के पिंटूभाई थे।
तात्कालिक हनुमानजी आश्रम में आयोजित यह गुरु पूर्णिमा महोत्सव केवल एक धार्मिक पर्व नहीं था, बल्कि सेवा, भक्ति और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के संकल्प का प्रतीक था। आश्रम द्वारा किए गए ये विभिन्न सेवाभावी और प्रशंसनीय कार्य समाज के लिए प्रेरणादायक हैं और ‘सभी जीवों की सेवा परमो धर्म’ का संदेश देते हैं।
गुजरात प्रवासी न्यूज अहमदाबाद